एम्स ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने अपनी काबिलियत से 10 साल के एक मासूम बच्चे को न केवल नई जिंदगी दी, बल्कि उसे अपाहिज होने से बचा लिया. डॉक्टरों का दावा है कि दुनिया में यह अपनी तरह का पहला मामला है जिसमें बच्चे की रीढ़ के हड्डी के दो टुकड़े हो जाने के बावजूद उसे ठीक कर दिया गया.