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इमरजेंसी: आजाद भारत का सबसे काला अध्याय

इमरजेंसी: आजाद भारत का सबसे काला अध्याय

25 जून 1975. रायसीना हिल्स. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का काफिला यहां से गुजरा. लेकिन तब तक किसी को पता नहीं था कि इसके बाद भारत के राजनीतिक इतिहास पर एक कलंक लगने वाला है. एक ऐसा धब्बा जो कभी न मिटाई जा सकने वाली याद के रूप में दर्ज हो जाएगा. उसका नाम कुछ और नहीं 'इमरजेंसी' था. जानिए देश में इमरजेंसी लगाए जाने की पूरी कहानी.

Emergency in india how it happened

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