दो महीने पहले मार्च में इंडिया टुडे ने कश्मीर के कुछ दुर्दांत पत्थरबाजों को अपनी करतूतों को खुद अपने मुंह से बयान करते दिखाया था. इनमें से एक जाकिर अहमद बट ने बताया था कि किस तरह उसने एक कार पर पेट्रोल बम फेंक कर दो लोगों की जान ले ली थी. इंडिया टुडे ने बट को कैमरे पर ये कबूल करते दिखाया था कि किस तरह उसके पास हैंडलर्स से पैसा पहुंचता था. उनका सिर्फ एक ही मंसूबा था- घाटी को बंधक बना कर रखना.इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम (SIT) ने अब अपनी तहकीकात में पत्थरबाजों के धूर्त फाइनेंसर्स को बेनकाब किया है. ये हमेशा माना जाता रहा है कि कश्मीर घाटी में गर्मियों में फैलाई जाने वाली गड़बड़ी के तार सरहद पार बैठे स्पांसर्स से जुड़े होते हैं. लेकिन पहली बार इंडिया टुडे को इस संबंध में पुख्ता सबूत जुटाने में कामयाबी मिली है. इन सबूतों से साफ होता है कि घाटी में दिखाए जाने वाले गुस्से की स्क्रिप्ट किस तरह पाकिस्तान लिखता है. साथ ही घाटी के असली खलनायकों का काले चिट्ठे का भी खुलासा होता है.