महबूब इलाही कोट लखपत जेल में डेढ़ साल सरबजीत के साथ रहे. उन्होंने सरबजीत की दुखभरी दास्तां आज तक को बताई. उन्होंने दुख जताया कि वह सरबजीत के लिए कुछ नहीं कर पाए.