लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करना शायद स्वाभिमान और उत्साह का भी प्रतीक होता है. नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने लाल किले से बच्चों के लिए अहम मुद्दे उठाए.