मां को हमेशा ममता की मूरत कहा जाता है, लेकिन एक बेरहम मां को अपनी मासूम बच्ची पर भी तरस नहीं आया. बेरहम मां बच्ची को महारानी वैष्णो मंदिर में शाम के वक्त चुपके से छोड़ गई. लोगों ने जब बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो इसके मां-बाप की खोजबीन शुरू की.