जब गुंडे सताएं, तो खाकी वर्दी बचाए, लेकिन जब खाकी वर्दी वाले ही गुंडे बन जाएं, तो जनता कहां पनाह मांगे? सोमवार रात राजधानी दिल्ली का एक ढाबे वाला इसी सवाल से दो-चार हुआ. उसके ढाबे पर धमके दो पुलिस वालों ने उगाही का पूरा प्लान बना रखा था लेकिन खुद फंस गए अपने ही बिछाए जाल में.