अब हम सुशांत सिंह राजपूत के गांव ले चलते हैं. सुशांत अक्सर मौका मिलते ही बिहार के पूर्णिया में अपने पैतृक गांव जाना नहीं भूलते थे. गांव के लोगों को अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि उनके गांव का लाल यूं उन्हें छोड़कर चला गया. 12 मई 2019 को सुशांत आखिरी बार अपने गांव आए थे. सुशांत के साथ तीन लोग थे. जिसमें सिद्धार्थ पिठानी भी था. मलडीहां में सुशांत ने एक दिन रुके. गांववाले बताते हैं कि वो बचपन को याद करते हुए एक-एक पल को जीना चाहते थे.