महाराष्ट्र में गणेश उत्सव काफी धूमधाम से मनाया जाता है. 1893 में लोकमान्य तिलक ने इस समारोह को निजी से सामूहिक आयोजन में तब्दील कर दिया. उनका उद्देश्य जात-पात के फासलों को मिटाने का था और यह बात अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन को बढ़ावा देने के भी बहुत काम आई. आजतक संवाददाता के साथ देखिए वो जगह जहां से हुई थी सार्वजनिक गणेश उत्सव की शुरुआत.