कभी सार्वजनिक मंच पर एक मुस्लिम धर्मगुरु के हाथों टोपी पहनने से इनकार करने वाले नरेंद्र मोदी ने जब मुस्लिम नेताओं को आधी रात में भी उनकी सेवा में हाजिर रहने का भरोसा दिया, तो दिलों में बरसों से जमी खटास का स्वाद बदलने लगा.