कर्नाटक में कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने विपक्ष के तमाम नेता पहुंचे और एकजुटता दिखाई. ऐसी विपक्षी एकता इससे पहले कभी नहीं देखने को मिली. लेकिन सवाल यह है कि विपक्षी नेताओं का ये साथ कितने दिनों तक रहेगा? क्या साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी के खिलाफ विपक्ष इसी तरह एकजुट होकर सामना करेगा या फिर उससे पहले ही अपने बोझों तले दबकर बिखर जाएगा?