है किसी की आंख में ताप...जो जवाब दे सके इस मां के सवालों का कि उसकी बिटिया ने क्या खता की थी? जो उसे मौत के लिफाफे में लपेट दिया गया. इस मां की रानी ने उसको धोखा दे दिया है. वह अब कभी वापस नहीं आएगी. 12 साल की वंदना बीआरडी हॉस्पिटल में अपने इलाज के लिए गई थी. इस दादी ने सोचा था कि जब वह वापस आएगी, तो वह उसके लिए पकौड़े लेकर आएगी, लेकिन न वंदना आई और न ही उसकी मुस्कुराहट. अब ये दादी, उसकी मां, छोटी बहन चांदनी और छोटा भाई उसके इंतजार में बैठे हैं. 12 साल की वंदना भी उसी बीआरडी अस्पताल में तड़प-तड़प कर मरी है, जहां बच्चों के जिस्म से सांसे निकाल ली गई. दर्द में लिपटी हुई दिलों को दरकाने वाली कहानी है...ये पत्थर कीजिए खुद को और सुनिए 12 साल की बच्ची के बैमौत मर जाने की दास्तां....