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पानी पानी रे: क्या ये कुदरत की आखिरी चेतावनी है?

पानी पानी रे: क्या ये कुदरत की आखिरी चेतावनी है?

आसमान से बरसता पानी अच्छा लगता है, रिमझिम-रिमझिम बरसते बादल गीत, संगीत, कवि, कविता, कहानियों की प्रेरणा बनते हैं. भारत में तो सदियों से बरसात के स्वागत में उत्सव मनाने की तमाम परंपराएं भी रही हैं. लेकिन पिछले कई सालों से हर साल देश के कुछ हिस्सों में जब यही बारिश खौफ़ की तस्वीर नज़र आने लगे. बारिश की बूंदें डराने लगें. पानी का सैलाब मौत के मातम में बदलने लगे तो ये सवाल उठना लाज़िमी है कि ऐसा आखिर क्यों? कहीं पानी की एक एक बूंद ज़िंदगी को डुबोने लगती है और कहीं एक एक बूंद पानी के लिए तरसते रह जाते है लोग. देखें आजतक की ये स्पेशल रिपोर्ट.

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