वो 45 मिनट, क्यों गंवा दिए गए. यही सवाल उठ रहे हैं 26 11 के हमले के इतने दिनों बाद. क्या हेमंत करकरे मुंबई पुलिस की लापरवाही का शिकार हो गए? क्या अशोक काम्टे औऱ विजय सालस्कर की जान बच सकती थी?  वह बातचीत जो 26/11 को पुलिस और कंट्रोल रूम के बीच हुई.