दुनिया के कई देशों में समलैंगिकता को क़ानूनी मान्यता मिली हुई है. जबकि भारत में क़ानूनी तो क्या, सामाजिक तौर पर भी समलैंगिकता को ग़लत माना जाता है. लेकिन सूत्रों की मानें तो अब केंद्र सरकार ने धारा 377 को हटाने पर विचार करने का मन बना लिया है.