मुफ्ती सरकार ने घाटी में अलगाववादी मसरत आलम को रिहा कर बीजेपी को बगलें झांकने के लिए मजबूर कर दिया है. पार्टी ने बैठक करके विरोध जरुर जताया और पीडीपी को चेतावनी जरुर दी कि भविष्य में ऐसे किसी राष्ट्रविरोधी तत्व की रिहाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी लेकिन हकीकत यही है कि बीजेपी को कुछ सूझ नहीं रहा.