मंत्रियों की 'पाप की पाठशाला' अब मनमोहन सरकार की 'नौटंकीशाला' में तब्दील हो चुकी है. हफ़्तेभर के हंगामे के बाद रेल मंत्री और कानून मंत्री ने इस्तीफा दिया भी, तो ख़ुद को शहीद साबित करने पर तुल गए. अश्विनी कुमार ने तो अपने बंगले पर ज़िंदाबाद के नारों के बीच यहां तक कह डाला कि वो तक़दीर वाले हैं, जो कांग्रेस के काम आए.