आजादी के 70 साल का उत्सव मनाने के लिए 'आज तक' ने लालकिले पर कवियों के महासम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें कई मशहूर कवियों का जमावड़ा लगा. इस मौके पर कवित्री साध्वी सरस्वती ने देश के विरोधियों को ललकारा. सियार भेड़िए से डरती सिंहों की औलाद नहीं, भरतवंश के इस पानी की है तुमको पहचान नहीं. अबके जंग छिड़ी तो सुनले, नाम निशान नहीं होगा. कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा.