एक रात जिसने बदल दिया हिंदुस्तान का इतिहास, वो रात जिसमें था आजाद भारत का उजाला, वो रात थी आजादी की रात. आज से ठीक 64 साल पहले हिंदुस्तान ने देखा था आजादी का सवेरा. लेकिन इस आजादी में छिपा था एक दर्द, दर्द बंटवारे का.