केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली द्वारा वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान को नोबेल का शांति पुरस्कार दिए जाने के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे इस पर कुछ ज्यादा नहीं कहना चाहेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि सच को नकारने के अवश्यंभावी परिणाम होंगे. पूरी दुनिया में कही भी आतंकवादी घटना होती है चाहे अमेरिका हो, पेरिस हो या हाल में पुलवामा पाकिस्तान के पद चिन्ह हर जगह मिलेंगे. जेटली ने कहा कि जब पाकिस्तान किसी भी सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखता है कि वो किसी आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करेगा तो हम उसकी बातों पर विश्वास करते हैं, लेकिन इसके बाद संसद पर हमला, पुलवामा हो जाता है तब लगता है कि हमने कुछ नहीं सीखा. इसलिए हमारा मानना है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते.