समाजिक चिंतक प्रताप भानु मेहता ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कहा कि इस चुनाव में दांव बड़ा है लेकिन उम्मीद कम है. देश के ताजा हालात पर चिंता जाहिर करते हुए मेहता ने कहा कि राष्ट्रवाद ने देश को विभाजित करने का काम किया. अगर आप सत्य जानने के लिए सवाल पूछते हैं तो आप राष्ट्र विरोधी घोषित कर दिए जाते हैं. इसका मतलब है सत्य भी गया. नागरिक स्वतंत्रता पर बात करते हुए मेहता ने कहा सरकार इस मुद्दे पर विपक्ष को भी साथ लेकर चलना मुनासिब नहीं समझती. इसका मतलब है कि आजादी भी गई. प्रताप भानु मेहता ने कहा कि तमाम नाकारात्मक चीजों के बावजूद हमारे लोकतंत्र में साकारात्मक होने की संभवना भी है. इस सवाल पर कि मोदी सरकार में पारदर्शिता बढ़ने से भ्रष्टाचार कम हुआ है, के जवाब में मेहता ने कहा कि भ्रष्टाचार मापने का सबसे बड़ा पैमाना है कि धन पर चंद लोगों का कब्जा होना बताता है कि भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ.