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2050 तक दूध, गेहूं और चावल के लिए तरस जाएगा भारत!

2050 तक दूध, गेहूं और चावल के लिए तरस जाएगा भारत!

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती...आप सोच रहे होंगे कि आज मै ये गाना क्यों गा रहा हूं. असल में ये गाना हमारे देश के किसानों की अथक मेहनत और उस धरती मां को समर्पित है जो हमारे लिए सोने जैसी फसलें पैदा करती है. लेकिन अब धीरे धीरे हालात बदल रहे हैं और जो धरती हमारे लिए अन्न पैदा करती है वो धीरे धीरे अपनी क्षमता खोती जा रही है. इसका सबसे बड़ा कारण है वातावरण में आने वाले बदलाव, और अगर ऐसे ही हालात रहे तो साल 2050 तक भारत फल सब्जियों के साथ साथ दूध के लिए भी तरस जाएगा. ये हम नहीं कह रहे. ये कहना है Ministry of environment, Forest and climate change की रिपोर्ट का. जिसे बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली समिती ने संसद में पेश किया है.

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