उद्योगपति रतन टाटा उद्योगों को लेकर सरकार के उदासीन रवैये से खफा हैं. टाटा समूह के चेयरमैन पद से इसी महीने ही रिटायर हो रहे रतन टाटा ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा है कि देश के उद्योगों को सरकार की मदद में कमी ने ही हमें चीन के मुकाबले कमजोर बना दिया है. टाटा का आरोप है कि देश में व्यवसाय के लिए माहौल अच्छा नहीं है. देश की अलग-अलग एजेंसियां एक ही कानून का अलग-अलग मतलब निकालती हैं और कभी-कभी तो ये मतलब कानून के उद्देश्य से भी बिल्कुल अलग होता है. टाटा के इन आरोपों पर अब देश में भी सियासत तेज होने लगी है.