क्या आतंकवाद का कोई रंग होता है? क्या कोई जाति होती है? या फिर क्या कोई मजहब होता है? यकीनन आपका जवाब भी नहीं ही होगा. लेकिन हैरत इस बात की है कि जिस सवाल का जवाब इतना साफ है, उसपर भारतीय राजनीति में उथलपुथल मचा हुआ है.