मनमोहन सिंह ने भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन लाल किले से सारा हिंदुस्तान उनको सुन रहा होगा. लेकिन 2004 में यूपीए को जीत मिली और सोनिया ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया तब मनमोहन की किस्मत का सितारा चमका. मनमोहन को ये मौका मिला कि 21वीं सदी में गरीबी से जूझते हिंदुस्तान की पीड़ा को लाल किले पे उठाते. बतौर प्रधानमंत्री उठाया भी.
Jai Hind episode on Manmohan Singh