सोमवार को जयपुर नगर निगम में जो हुआ, वो लोकतंत्र की उस घिनौनी किताब का एक पन्ना है, जहां ना कोई मर्यादा है और ना कानून की इज्जत. सदन में पार्षदों के बीच छोटी से बात पर शुरु चर्चा कहासुनी के बाद मारपीट में तब्दील हो गई.