जसवंत सिंह के एक किताब को लेकर बीजेपी ने उनकी पार्टी से ही उनकी छुट्टी कर दी. शिमला में चिंतन बैठक में आख़िर वही हुआ, जिसकी चर्चा पहले से ही चल रही थी, लेकिन किसी को ये अंदाज़ा नहीं था कि जसवंत सिंह जैसे कद्दावर नेता को बीजेपी से इस तरह बेआबरू होना पड़ेगा.