अब क्या बाकी रहा. तीन साल में जो सबसे करीबी साथी रहे. उन्होंने पब्लिक फोरम में दिल्ली के मुख्यमंत्री की इज्जत तार-तार कर दी. ऐसी कोई घटना भारतीय लोकतंत्र में याद नहीं आती जब किसी पार्टी का कोई नेता जो एक समय मुख्यमंत्री का करीबी रहा हो वो इस तरह से उसे कॉलर पकड़ कर जेल में ठूंसने की चेतावनी दे रहा हो.