18 साल पहले आज ही के दिन यानी 26 जुलाई 1999 को भारत ने इस युद्ध में विजय हासिल की थी. इस दिन को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. लेकिन इस युद्ध की शुरूआत कैसे हुई, कैसे पाकिस्तान ने भारत की पीठ में खंजर घोंपने की नाकाम कोशिश की, कैसे भारतीय वायुसेना ने अपने अद्मय साहस से दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया, किस देश ने अमेरिका के दबाव के बावजूद भारत की मदद की और वो कौन से जुगाड़ थे जिसे वायूसेना ने युद्ध के दौरान अपनाया. चलिए जानते है इस वीडियो में....3 मई 1999, श्रीनगर से 200 किमी दूर कारगिल, द्रास और बटालिक सैक्टर में घुसपैठ की खबरें आनी शुरू हुईं. वहां के लोकल लोगों ने सबसे पहले घुसपैठियों को हथियारों के साथ देखा. इन चोटियों से सर्दियों की वजह से सेनाएं पीछे हट जाती थीं क्योंकी सर्दियों में यहां तापमान -40 डिग्री तक लुढ़क जाता है. पाकिस्तान ने इसी बात का फायदा उठाया. घुसपैठ का जायज़ा लेने गए इंडियन आर्मी के 5 जवानों को भी दुश्मन ने बड़ी बेरहमी से शहीद कर दिया. पाकिस्तान आर्मी ने भारी गोलाबारी कर कारगिल में भारतीय सेना के हथियारखाने में आग लगा दी लेकिन इन धमाकों से भारतीय सेना के हौंसले पस्त नहीं हुए और सेना ने अपने वीर सपूतों का रुख कश्मीर की तरफ मोड़ दिया. परमाणु बमों से लैस दोनों देश आमने सामने थे. युद्ध शुरु हो चुका था.