सिस्टम किस हद तक असंवेदनशील और किसान विरोधी हो सकता है, ये हमें मंदसौर के गोलीकांड से समझ लेना चाहिए. कल तक जो शिवराज सरकार पांच किसानों को गोलियों से भून डालने वाली घटना में पुलिस को बचाने में लगी थी उसी ने आज ये माना कि फायरिंग पुलिस की तरफ से ही हुई. इसलिए आज खबरदार में हम इस सवाल का विश्लेषण करेंगे कि आखिर सत्ता में बैठी शिवराज सरकार आंखों पर पट्टी बांधकर पुलिस को क्यों डिफेंड कर रही थी. क्या उसे इस गोलीकांड के राजनीतिक खतरे का डर सता रहा था. लेकिन सबसे पहले बेकसूर किसानों की मौत पर भड़काई जा रही उस सियासत का पोस्टमार्टम जरूरी है जो अगर आगे बढी तो किसानों के असली मुद्दे भटक जाने का पूरा खतरा है. इसलिए खबरदार में आज हम सबसे पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के मंदसौर दौरे की पूरी ग्राउंड रिपोर्ट दिखाते हैं. इस ग्राउंड रिपोर्ट को देखकर आप ये समझ पाएंगे कि किसानों की मौत में हमारी राजनीतिक पार्टियों को सियासी फसल काटने की उम्मीद क्यों दिखती है?