जो राजनीति पिछले एक हफ्ते से देश में जारी है उस राजनीति ने आज गांधी की मूर्ति भी तोड़ दी. एक देश के तौर पर यह एक राष्ट्रीय अफसोस का विषय है। लेकिन क्या हम इससे कुछ सीखेंगे. कहीं ऐता तो नहीं कि अपने इतिहास से कटी हुई राजनीति तथ्यों से जो हेराफेरी कर रही है वह इस देश को कमजरो कर रही है. आज गांधी होते तो कैसे सोचते। क्या गुजरता उनके मन में.