मोदी सरकार के तीन साल पूरे हुए हैं. इस बीच विपक्ष पहले की तुलना में कहीं अधिक कमजोर हुआ है. इस बीच लालू प्रसाद ने 27 अगस्त को एक रैली प्लान की है. इस रैली की सबसे बड़ी खासियत के तौर पर उत्तर प्रदेश की सियासत में एकदूसरे के धुरविरोधी अखिलेश यादव और मायावती का भी एक मंच पर मौजूद होना माना जा रहा है. इन दोनों राजनेताओं ने इस रैली के लिए हामी भी भर दी है. ऐसे में Aajtak.in के संपादक पाणिनि आनंद का विश्लेषण सुनिए कि क्या ये सियासी दल वाकई बीजेपी और वर्तमान सरकार को घेर पाएंगे या फिर खुद में ही उलझ कर रह जाएंगे. देखें वीडियो...