मुंबई धमाकों के गुनहगार याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन को आखिरकार 257 बेगुनाह लोगों के कत्ल के इल्जाम में आखिरकार फांसी के फंदे पर लटका दिया गया. याकूब के जिदगी की आखिरी उम्मीद के टूटने से लेकर फांसी के फंदे पर लटकाए जाने तक के वो आखिरी दो घंटे की कहानी.