उत्तर प्रदेश, उड़ीसा और आंध्र प्रदेश की विधानसभाओं में सदस्यों द्वारा हुड़दंग मचाने की घटना ने लोकतंत्र को तो शर्मसार किया ही है, लोगों को सोचने पर मजबूर भी कर दिया है. जनता को सोचना होगा कि उनके नुमाइंदे अगर लोकतंत्र के मंदिर में उत्पात मचाते फिरेंगे तो देश को क्या संभालेंगे.