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खामोश नहीं है ‘गुड़ि‍या’, बहुत कुछ कह रही है...

खामोश नहीं है ‘गुड़ि‍या’, बहुत कुछ कह रही है...

‘गुड़ि‍या’ का जिस्‍म जख्‍मी है और रूह घायल. उसकी उम्र मासूम है और बड़ों की दुनिया को समझने की अभी अक्ल भी नहीं है ‘गुड़ि‍या’ में. लेकिन ‘गुड़ि‍या’ कुछ कहना चाहती है. सुनिए सिसकियों में छुपा उसका दर्द.

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