साहित्य अकादमी भवन पर साहित्यकारों की तरफ से मौन प्रदर्शन किया जा रहा है. साहित्यकारों का कहना है कि अब यह मामला राजनीतिक हो गया है. साहित्य अकादमी भी इन साहित्यकारों की आलोचना कर रही है.