हर पार्टी की जुबान पर अन्ना की तारीफ चिपकी हुई है, लेकिन इस लोकपाल को अंजाम तक पहुंचाने के लिए अन्ना को अपनी जान की बाजी लगानी पड़ी. दिल्ली से लेकर मुंबई तक कई बार अनशन करना पड़ा.