बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते महाराष्ट्र में विदर्भ के बुल्ढाना की स्थिति भी अलग नहीं है. आजादी के बाद किसानों, खेती और सिंचाई व्यवस्था को लेकर एक आदर्श व्यवस्था बुल्ढाना में ही बनायी गई थी. बुल्ढाना के कई गांवों में तो महीने में सिर्फ एक बार पानी आता है. यहां का जमीनी जलस्तर 307 फीट नीचे चला गया है.