मुंबई की एक विशेष अदालत ने वर्ष 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद एस पी पुरोहित और 9 अन्य अभियुक्तों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत लगे आरोपों को यह कहते हुए हटा दिया कि उनमें से कोई भी संगठित अपराध की श्रेणी में नहीं आता.