मेधा पाटकर ने कहा कि व्यवस्थित आंदोलन चलाने पर विचार किया गया है. इस आंदोलन में किस प्रकार की संरचना करें, कैसे लोगों को साथ लेकर चलें. समन्वय की भावना और सामूहिक नेतृत्व की प्रखर प्रक्रिया शुरू करनी है. राष्ट्रीय जन आंदोलन करने की ख्वाहिश है जिसमें सबको साथ लेकर चलना तय किया गया है.