पौने दो लाख करोड़ रुपये की मनरेगा योजना से दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने की जो तस्वीर खींची गई, उस तस्वीर का काला चेहरा आज तक ने सबके सामने रख दिया है. रोजगार के नाम पर ऐसी लूट मची कि इस महालूट के लिए लूट शब्द बेहद छोटा पड़ गया.