वो उम्मीद ही तो थी जिसके ऊपर सवार होकर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की शपथ लेने वाले हैं. वो उम्मीद ही थी जिसकी वजह से इस पूरे देश ने चुना है नरेंद्र मोदी को. अबकी बार मोदी सरकार के नारे को सार्थक किया है. इसलिए कहा जा रहा है कि ये मोदी सरकार है लेकिन उम्मीदें हजार हैं.