गलवान में चीनी सेना अगर पीछे हटी है तो इसके पीछे भारत के कई रणनीतिक-राजनीतिक और राजनयिक कदम जिम्मेदार हैं, जो पिछले कई दिनों से निरंतर आगे बढ़ाए जा रहे थे. इसी के चलते पीएम मोदी ने भी लेह में फॉरवर्ड लोकेशन नीमू का दौरा किया था. सिलसिलेवार देखें तो इसमें कई अहम फैक्टर शामिल हैं. इससे पहले डोकलाम मामले में भी मोदी सरकार ने कूटनीतिक तरीके से मामले को सुलझाया था. डोकलाम गतिरोध के बाद 2017 में भारत-चीन के संबंधों में खटास काफी बढ़ गई थी, लेकिन तब भी दोनों देशों की सेनाओं के लिए रणनीतिक दिशानिर्देश तैयार किए गए और वो अपने ट्रैक पर लौट गईं.