सोच बदल लेना, बोल बदल लेना, सियासी लोगों की फितरत होती है, लेकिन क्या धुर विरोधी नेताओं के लिए भी मीठे बोल फूटने लगेंगे. 2013 की सियासत में ऐसा ही हुआ है, मुलायम सिंह यादव की जुबान से निकली बीजेपी नेता आडवाणी की तारीफ.