2002 से ही इंडिया टूडे कॉन्क्लेव नई सोच के साथ साथ नए विचारों को आगे बढ़ाने का ज़रिया रहा है. मार्च में इस साल के कॉनक्लेव की शुरूआत इसी मकसद के साथ हुई. कॉनक्लेव में जिस एक शख्स को देखने और सुनने की सबसे ज्यादा बेताबी थी वो थे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशरर्फ.