प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में दिए गए अपने पहले भाषण में कहा कि हम सदियों से सुनते आए हैं. भारत किसानों का, गांवों का देश है. ये नारे सुनने में अच्छे लगते हैं. पर क्या हम सीने पर हाथ रख कह सकते हैं कि हम इनकी सूरत बदल पाए हैं. हम किसी सरकार की आलोचना के लिए खड़े नहीं हुए हैं. ये सामूहिक दायित्व है कि हम उसे प्राथमिकता दें.