करीब 49 साल पहले आत्मास्थानंद से मोदी की मुलाकात हुई थी. तब ना तो गुरू को मालूम था कि उनके सामने बैठा 16 साल का किशोर एक दिन देश की किस्मत का कर्णधार बनेगा. इन 49 सालों में वक्त के दरिया में काफी पानी बहा लेकिन गुरू-शिष्य के बीच आस्था में कोई कमी नहीं आई.