सियासत में कोई भी हमेशा के लिए दोस्त या दुश्मन नहीं होता. न जाने कब किसकी सियासत की गाड़ी किस तरफ मुड जाए कोई नहीं जानता. हर शब्द का अपना महत्व होता है, अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही देख लीजिए. जेडीयू एनडीए का अहम घटक है और बिहार में बीजेपी के साथ सत्ता में भी है. लेकिन चिदंबरम के बजट पर उन्होंने एक-दो बार नहीं बल्कि सात बार धन्यवाद दिया और उन्हें बजट पसंद भी आया.