नीतीश ने ना मोदी का नाम लिया, ना गुजरात का. लेकिन उनकी बातों के इतिहास-भूगोल से साफ था कि उन्होंने सारे बाण नरेंद्र मोदी के लिए ही तैयार करवाए थे. जेडीयू का राजनीतिक प्रस्ताव समझाते हुए नीतीश मानो यही साफ करना चाहते थे कि बीजेपी तो वेरी गुड, वेरी गुड, लेकिन मोदी भाई वेरी बैड, वेरी बैड.