दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास मंजर सिस्टम पर सवाल खड़ा कर रहा है. इस भीड़ में बड़ी संख्या उनकी भी है जो बेघर हैं. सोचा था घरवालों के लिए जिंदगी का सहारा बनेंगे. बच्चों के लिए कमाएंगे, उनकी परवरिश करेंगे. घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर निकल पड़े थे रोजी रोटी के लिए लेकिन महामारी कोरोना ने ऐसा हाल कर दिया कि इनकी रोजी रोटी छीन गई, छत छिन गई. अब ये बेघर हैं. हालत ये है कि दो जून की रोटी के लिए भी तरसना पड़ रहा है. देखें वीडियो.
The banks of the Yamuna in Delhi have swollen up with men who cannot go home. On Tuesday afternoon, some lay curled over nothing more than a gamcha or cloth towel. A few guarded their bags and belongings by using them as pillows. Others had nothing on them apart from their clothes. Watch this video.